शुभ दीपावली
आज रात अमावस भगानी है
सूर्य जब भी तम में खो गया है
जुगनुओं ने भी अँधेरों से लड़ा है
हर अँधेरी रात की इतनी कथा है
सूर्य उगने तक ही सारी व्यथा है
तब तक अँधेरों से तुझे लड़ना पड़ेगा
बाती बन दीप में स्वयं जलना पड़ेगा
एक दीपक से सभी दीपक जला लो
काली अमावस में धरा को जगमगा लो
हर एक के कुछ त्याग से यह देश है
दीपावली पर्व का बस यही सन्देश है
शुभ-समृद्ध-मंगलमय दीपावली...सभी को...🪔🪔🪔
-वाणभट्ट
दीपावली त्याग का संदेश देती है, सुंदर रचना, शुभकामनाएँ!
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