गुलज़ार की छिहत्तरवीं सालगिरह पर
एक लम्हा गली के मुहाने पर ठिठक गया
एक ने हिम्मत करके अन्दर झाँका
गली बहुत संकरी थी
और दूसरे मुहाने पर बंद भी
थोडा ठिठक कर
थोडा झिझक कर
एक लम्हा अन्दर घुस पड़ा
अन्दर पूरा लम्हों का कब्रिस्तान था
सड़े - गले लम्हों से बचता बचाता
वो लम्हा आगे बढ़ता गया
गली के अंत में
खुले बालों वाली लड़की मिली
जिसकी फिराक में कई लम्हों ने दम तोड़ दिया था
कुछ सिसकियाँ ले रहे थे
कुछ हिचकियाँ
अचानक वो लड़की लम्हे में तब्दील हो गई
इस लम्हे ने कुछ साँसे उसके तैरते बदन पर रख दीं
सुनहरे परों वाली परी में बदल गयी वो
साँसों ने साँसों को भर लिया
और सांसें एक हो गयीं
संकरी बंद गली के भीतर
एक मैदान मिल गया
और हर लम्हे को जीने का मकसद
- वाणभट्ट
एक लम्हा गली के मुहाने पर ठिठक गया
एक ने हिम्मत करके अन्दर झाँका
गली बहुत संकरी थी
और दूसरे मुहाने पर बंद भी
थोडा ठिठक कर
थोडा झिझक कर
एक लम्हा अन्दर घुस पड़ा
अन्दर पूरा लम्हों का कब्रिस्तान था
सड़े - गले लम्हों से बचता बचाता
वो लम्हा आगे बढ़ता गया
गली के अंत में
खुले बालों वाली लड़की मिली
जिसकी फिराक में कई लम्हों ने दम तोड़ दिया था
कुछ सिसकियाँ ले रहे थे
कुछ हिचकियाँ
अचानक वो लड़की लम्हे में तब्दील हो गई
इस लम्हे ने कुछ साँसे उसके तैरते बदन पर रख दीं
सुनहरे परों वाली परी में बदल गयी वो
साँसों ने साँसों को भर लिया
और सांसें एक हो गयीं
संकरी बंद गली के भीतर
एक मैदान मिल गया
और हर लम्हे को जीने का मकसद
- वाणभट्ट
खूबसूरत.....एक ही लफ्ज़ काफी है.
जवाब देंहटाएंअनु
बहुत खूबसूरत तोहफा
जवाब देंहटाएंईद मुबारक !
जवाब देंहटाएंआप सभी को भाईचारे के त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएँ!
--
इस मुबारक मौके पर आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (20-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत खूब.....
जवाब देंहटाएंढेर से लम्हे, खराब और खूबसूरत हम सबके !
जवाब देंहटाएंआभार आपका !
kya saadgi hai...
जवाब देंहटाएंऊफ ... क्या गज़ब के एहसास पिरोये हैं ... लम्हों का ये जंगल बढ़ता रहता है .. उम्र खत्म हो जाती है झटके में ... गुलज़ार साहब को सलाम ...
जवाब देंहटाएंsunder!!!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता बड़े भाई आभार
जवाब देंहटाएंhttp://vyakhyaa.blogspot.in/2012/09/blog-post_10.html
जवाब देंहटाएंअहसासों से भरी लेखनी
जवाब देंहटाएंwah.. bahut bethareen..
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंसांसों को जीने का मकसद मिल गया
जवाब देंहटाएंजब लम्हा लम्हे से मिल गया ।
खूबसूरत प्रस्तुति ।
आभार - दीपोत्सव की हार्दिक बधाई
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