रात
रात अँधेरी होती है
रात में चीन्हना ज़रा मुश्किल होता है
रात खामोश होती है
रात को सब सोते हैं
दिन की अपेक्षा
रात में
बेधड़क नंगे हो जाना
आसान है
- वाणभट्ट
एक नाम से ज्यादा कुछ भी नहीं...पहचान का प्रतीक...सादे पन्नों पर लिख कर नाम...स्वीकारता हूँ अपने अस्तित्व को...सच के साथ हूँ...ईमानदार आवाज़ हूँ...बुराई के खिलाफ हूँ...अदना इंसान हूँ...जो सिर्फ इंसानों से मिलता है...और...सिर्फ और सिर्फ इंसानियत पर मिटता है...
बात सन पचहत्तर-अस्सी के आस-पास की है. उन्नीस सौ सुधी पाठकों ने अपने आप जोड़ ही लिया होगा. क्योंकि अट्ठारह सौ या उससे पहले की बात होती तो बात ...
रात अँधेरी होती है
जवाब देंहटाएंरात में चीन्हना ज़रा मुश्किल होता है
रात खामोश होती है....
बहुत ही गहरे भाव....बधाई !