अविश्वास
थका सा
अविश्वास
तुम्हारे चेहर पे ठहर जाता है
कुछ क्षण को.
तुम सोचती हो
मेरे बारे में.
जबकि मै जानता हूँ
खुद को,
और तुम्हें भी.
तुम्हें चिंतित देख
आश्वस्त हूँ
कि
ये स्वाभाविक भी है.
फिर भी,
तुम्हारे अविश्वास को
जीतने के लिए
आवश्यक है
थोड़ी दूरी.
हमारे बीच.
- वाणभट्ट
एक दूसरे के विश्वास के लिए दूरी भी आवश्यक है।
जवाब देंहटाएंफिर भी,
जवाब देंहटाएंतुम्हारे अविश्वास को
जीतने के लिए
आवश्यक है
थोड़ी दूरी.
हमारे बीच.
गहन बात कह दी है ... सुन्दर प्रस्तुति
विश्वास जताने के लिए दूरी भी जरुरी है| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंexcellent
जवाब देंहटाएंफिर भी,
जवाब देंहटाएंतुम्हारे अविश्वास को
जीतने के लिए
आवश्यक है
थोड़ी दूरी.
हमारे बीच.
बहुत सुंदर रचना,
- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
फिर भी,
जवाब देंहटाएंतुम्हारे अविश्वास को
जीतने के लिए
आवश्यक है
थोड़ी दूरी.
सही कहा सर और बहुत खूबसूरती से कहा ।
बहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ कह दिया है आपने!
हाँ यह भी सही है कि विश्वास जीतने के लिए दूरी की उतनी ही ज़रूरत है...
जवाब देंहटाएंसुख-दुःख के साथी पर आपके विचारों का इंतज़ार है..
आभार
विश्वास या अविश्वास ... दोनो को ही जीतना ज़रूरी .... क्या बात है ..
जवाब देंहटाएंफिर भी,
जवाब देंहटाएंतुम्हारे अविश्वास को
जीतने के लिए
आवश्यक है
थोड़ी दूरी.
हमारे बीच.
गहन अभिव्यक्ति..... प्रभावित करती रचना
अविश्वास ,
जवाब देंहटाएंविश्वास का जनक भी हो सकता है
अंतर्द्वंद को उजागर करती हुई
सुन्दर अभिव्यक्ति ....
बहुत अच्छी कविता !
फिर भी,
जवाब देंहटाएंतुम्हारे अविश्वास को
जीतने के लिए
आवश्यक है
थोड़ी दूरी.
हमारे बीच....
Awesome !
Great creation Vagbhatt ji.
.
कभी-कभी दूरी भी जरूरी है...सुन्दर कविता....
जवाब देंहटाएंhttp;//shayaridays.blogspot.com
जवाब देंहटाएंatyant bhawpoorn rachna......
जवाब देंहटाएंमनोजगत को कुरेदती रचना .तुम्हारे और पास आने के लिए भी दूरी बहुत ज़रूरी है .
जवाब देंहटाएं"फिर भी -
तुम्हारे अविश्वाश को जितने के लिए ,
आवशयक है थोड़ी दूरी -
हमारे बीच ."
सुन्दर मनो -वैज्ञानिक रचना .
वाह...बहुत भावपूर्ण...बहुत सुन्दर
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