मनोज जी के लिए...सादर...
कुछ न कर पायेगी इस इम्प्रेशन में है
मेरी लेखनी इन दिनों डिप्रेशन में है
एक सर पर बोझ कितना बढ़ गया
समझती नहीं, खोपड़ी कम्प्रेशन में है
मंहगाई और भ्रष्टाचार हैं सुरसा का मुख
आम आदमी किस कदर टेंशन में है
कहती है रूमानियत लिखवा लो मुझसे
ज़िन्दगी जीने का मज़ा बस इमोशन में है
दुनिया के दुःख भूल मज़ा चाहते हैं सब
लेखनी भी अपनी इस कैलकुलेशन में है
धड़कता था दिल कभी प्यार के नाम पर
आवाज़ भी नहीं करता, अब वाइब्रेशन में है
कलम-दावत पूज कर, मनाया इसको
देख ये हसीना, अब कितने टशन में है
- वाणभट्ट
कहती है रूमानियत लिखवा लो मुझसे
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी जीने का मज़ा बस इमोशन में है ... waah, kya baat hai
मंहगाई और भ्रष्टाचार हैं सुरसा का मुख
जवाब देंहटाएंआम आदमी किस कदर टेंशन में है
आपकी इन पंक्तियों और इस रचना पर एक एंग्लो उर्दू ग़ज़ल याद आ गई। शेयर करता हूं।
मुहब्बत में पैदा हो ’ग़र टेंशन
तो अकसर टूट जाता है कनेक्शन।
इधर हीटर के जैसा इश्क मेरा
उधर जज़्बात का रेफ़्रिजरेशन
गधा कह लीजिए आई डोण्ट माइंड इट
मगर ज़ाहिर न हो किसी पे अपना रिलेशन
धड़कता था दिल कभी प्यार के नाम पर
जवाब देंहटाएंआवाज़ भी नहीं करता, अब वाइब्रेशन में है
वाह!
कलम-दावत पूज कर, मनाया इसको
जवाब देंहटाएंदेख ये हसीना, अब कितने टशन में है
Bahut Badhiya...
Very interesting and appealing creation....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया :):)
जवाब देंहटाएंbhaut hi khubsurat...
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली कविता.... बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंAchcha padkar achcha laga.
जवाब देंहटाएंaapka neelesh
कहती है रूमानियत लिखवा लो मुझसे
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी जीने का मज़ा बस इमोशन में है
ये बात हमें बहुत अच्छी लगी सच में जिंदगी अहसास में ही तो पलती है बहुत खूबसूरत रचना |
अलग सा..बहुत सुन्दर लिखा है.बधाई.
जवाब देंहटाएंहास्य और तीखे व्यंग वाली इस अद्भुत रचना के लिए मेरी बधाई स्वीकारें...
जवाब देंहटाएंनीरज
वाह ... जबरदस्त काफिये बिठाए हैं आपने ... आज के माहोल अनुसार फिट बैठती है आपकी गज़ल ... जबरदस्त ...
जवाब देंहटाएंकलम-दावत पूज कर, मनाया इसको
जवाब देंहटाएंदेख ये हसीना, अब कितने टशन में है
वाकई टशन मे है लेखनी .
बहुत बढ़िया अंदाज़ लिखने का । बहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना के लिए बधाई और शुभकामनायें और निरंतर मेरा उत्साहवर्धन करने हेतु आभार
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