गुरुवार, 5 मई 2011

टीम (TEAM)

टीम (TEAM)

Together Everyone Achieves More

लेकिन हमको तो आगे जाना है 
औरों से कुछ ज्यादा पाना है

इसीलिए तो हमने कितनी टंगड़ी है मारी
इसीलिए तो हमने कितनों की तोड़ी यारी


इसीलिए हम चौराहों पर बिकते हैं
इसीलिए हम भ्रष्टाचारी के हाथों पिसते हैं 


शर्मा जी ने तो बस ये ही ठाना है
वर्मा जी से जल्दी ऊपर जाना है 

शर्मा जी ने वर्मा जी की चुगली कर दी
वर्मा जी ने भी मौका पाकर उंगली कर दी

बॉस ने भी दोनों को खूब लड़ाया 
एक प्रमोशन के लिए दोनों को झेलाया

क्या-क्या पापड़ ना दोनों से बेलाये
अपनी सब्जी छोड़, बॉस की सब्जी लाये

अब वर्मा जी जोग्गिंग करते हैं, साथ बॉस के 
शर्मा जी भी हैं लिए तौलिया खड़े, पास पूल के

शर्मा जी की बीवी ने किटी बनाई
बॉस की बीवी फ्री में गेस्ट बुलाई 

वर्मा जी की बीवी ने भी बुटिक बनाया
बॉस की बीवी से उद्घाटन करवाया 

दोनों को अपने प्रमोशन की पड़ी है
बॉस और उसकी बीवी की तो निकल पड़ी है

अग्रेजों ने भी हमें लड़ाया, राज किया
सारा सिस्टम ध्वस्त कर, वापस लौटाया

अब के बॉसओं का तो और बुरा है हाल
अपना फायदा देख सब चलते अपनी चाल

शायद उन्हें मालूम नहीं 
टीम शब्द का ज्ञान नहीं

हमीं हम है तो क्या हम हैं
लारा-तेंदुलकर भी कम हैं

अकेले हम और अकेले तुम, यही तो गम है
मिल के साथ चलें तो फिर क्या कम है

बंधी मुट्ठी लाख की, ये बात सही है
साथ-साथ जो आगे बढ़ती, टीम वही है

- वाणभट्ट 







12 टिप्‍पणियां:

  1. अकेले हम और अकेले तुम, यही तो गम है
    मिल के साथ चलें तो फिर क्या कम है
    phir to duniya mutthi me

    जवाब देंहटाएं
  2. बंद मुट्ठी ही लाख की है खुल गई तो फिर खाक की है| बहुत सुन्दर प्रस्तुति|

    जवाब देंहटाएं
  3. अकेले हम और अकेले तुम, यही तो गम है
    मिल के साथ चलें तो फिर क्या कम है

    बहुत सुन्दर, आभार।
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  4. बंधी मुट्ठी लाख की, ये बात सही है
    साथ-साथ जो आगे बढ़ती, टीम वही है
    बहुत सुंदर ...यह टीम भावना जीवन के हर क्षेत्र में काम आती है...... सार्थक पंक्तियाँ

    जवाब देंहटाएं
  5. कभी-कभी अकेले में भी ऐसा कुछ अनुभव हो जाता है कि पूरी उम्र याद रह जाता है।
    क्या पता मंजिल अकेले ही पानी हो?

    जवाब देंहटाएं
  6. सही कहानी है हम सबकी ....
    शुभकामनायें आपको !

    जवाब देंहटाएं
  7. टीम की अहमियत समझनी भी जरुरी है. अर्थपूर्ण पंक्तियाँ.

    जवाब देंहटाएं

यूं ही लिख रहा हूँ...आपकी प्रतिक्रियाएं मिलें तो लिखने का मकसद मिल जाये...आपके शब्द हौसला देते हैं...विचारों से अवश्य अवगत कराएं...

न ब्रूयात सत्यम अप्रियं

हमारे हिन्दू बाहुल्य देश में धर्म का आधार बहुत ही अध्यात्मिक, नैतिक और आदर्शवादी रहा है. ऊँचे जीवन मूल्यों को जीना आसान नहीं होता. जो धर्म य...