जीवन
गर्मी की रात
छत पर लेटे-लेटे
यूं ही
मै हर तारे पर
लम्हों के नाम लिख देता हूँ
और फिर गिनता हूँ
उन्हें घास के तिनकों की तरह
कुछ भूलता सा, कुछ याद करता
इसी तरह सरकती जाती है
जिंदगी धीरे-धीरे
लम्हा-लम्हा
छिपकली की दुम की तरह
जो बढ़ती है धीरे-धीरे
और
कब पूरी हो जाती है
पता भी नहीं चलता
पर हर पल का अपना निशान
अपने में पूरा
और पूरे में अधूरा
फिर भी
वो इक कड़ी है
जो जोड़ती है
बीते और आने वाले पल को
इस प्रकार बनती है
श्रृंखला
जो टूटती है
पूरी हो कर.
- वाणभट्ट
इस बनने और टूटने का नाम तो जिंदगी है...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.
आपने तो लगता है, हमारे यहाँ के हालात अपने शब्दों में ब्यान कर दिये है,
जवाब देंहटाएंजब बिजली चली जाती है, तो इस सुंदर कविता से हमारी तुलना आप कर सकते है
जिंदगी का यही तो सिलसिला है जो चलता रहता है|
जवाब देंहटाएंहर पल का अपना निशान
जवाब देंहटाएंअपने में पूरा
और पूरे में अधूरा
फिर भी
वो इक कड़ी है
जो जोड़ती है
बीते और आने वाले पल को... aur kahti hai, yahi hai zindagi
मै हर तारे पर
जवाब देंहटाएंलम्हों के नाम लिख देता हूँ
और फिर गिनता हूँ
उन्हें घास के तिनकों की तरह
कुछ भूलता सा, कुछ याद करता
बहुत सुन्दर ... यही जुडना और टूटना ज़िंदगी है
गर्मी की रात
जवाब देंहटाएंछत पर लेटे-लेटे
यूं ही
मै हर तारे पर
लम्हों के नाम लिख देता हूँ
और फिर गिनता हूँ
उन्हें घास के तिनकों की तरह
कुछ भूलता सा, कुछ याद करता
ise hi kahte hai jindagi....jo yaade ban kar har pal sath hai .....
इसी को जीवन कहते हैं...बहुत अच्छी रचना...
जवाब देंहटाएंगर्मी की रात
जवाब देंहटाएंछत पर लेटे-लेटे
यूं ही
मै हर तारे पर
लम्हों के नाम लिख देता हूँ
सार्थक रचना |
पर हर पल का अपना निशान
जवाब देंहटाएंअपने में पूरा
और पूरे में अधूरा
फिर भी
वो इक कड़ी है
जो जोड़ती है
बीते और आने वाले पल को
बहुत सुंदर ......यूँ ही चलता रहता है जीवन.....
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जवाब देंहटाएंकभी कभी तन्हाई के पलों में यूँ ही बैठकर सोचती हूँ तो कुछ ऐसा ही एहसास होता है , जैसा आपने बयान किया है इस रचना है । लगता है ज़िन्दगी इतनो छोटी क्यूँ है , कुछ और लम्बी होती तो बिखरती कड़ियों को सँभालने का कुछ वक़्त भी मिल जाता ।
बहुत सुन्दर रचना । मन के कुछ आस-पास ही ...
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यादें बनती और खोती हैं और इसी के बीच के अंतराल को जीवन कहते हैं.. बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंजो नजर इस श्रृंखला को देखने लगता है..वह साक्षी हो जाता है ..सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंBandhu,badhiya kavita ,jeevan ke satya ko darshati/hardik shubh kamnayen,sneh,
जवाब देंहटाएंaapka hi,
dr.bhoopendra
rewa
mp
bahut sunder jindagi ke silsile ko bayan karti rachna...
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