tag:blogger.com,1999:blog-6330433093682463130.post9061676104231872267..comments2024-03-24T21:18:14.269-07:00Comments on वाणभट्ट: घोड़े और गदहेVaanbhatthttp://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6330433093682463130.post-45835832860941113532011-03-02T11:31:27.730-08:002011-03-02T11:31:27.730-08:00हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है.हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6330433093682463130.post-31026882443868968042011-02-19T02:29:57.901-08:002011-02-19T02:29:57.901-08:00इस सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत मे...इस सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6330433093682463130.post-49213104078358311422011-02-16T09:02:09.171-08:002011-02-16T09:02:09.171-08:00हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आ...हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसका अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । धन्यवाद सहित... <br />http://najariya.blogspot.com/Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6330433093682463130.post-27663886995952082852011-02-09T06:16:09.217-08:002011-02-09T06:16:09.217-08:00आदरणीय,
आज हम जिन हालातों में जी रहे हैं, उनमें क...आदरणीय,<br /><br />आज हम जिन हालातों में जी रहे हैं, उनमें किसी भी जनहित या राष्ट्रहित या मानव उत्थान से जुड़े मुद्दे पर या मानवीय संवेदना तथा सरोकारों के बारे में सार्वजनिक मंच पर लिखना, बात करना या सामग्री प्रस्तुत या प्रकाशित करना ही अपने आप में बड़ा और उल्लेखनीय कार्य है|<br /><br />ऐसे में हर संवेदनशील व्यक्ति का अनिवार्य दायित्व बनता है कि नेक कार्यों और नेक लोगों को सहमर्थन एवं प्रोत्साहन दिया जाये|<br /><br />आशा है कि आप उत्तरोत्तर अपने सकारात्मक प्रयास जारी रहेंगे|<br /><br />शुभकामनाओं सहित!<br /><br />डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’<br />सम्पादक (जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र ‘प्रेसपालिका’) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)<br />(देश के सत्रह राज्यों में सेवारत और 1994 से दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन, जिसमें 4650 से अधिक आजीवन कार्यकर्ता सेवारत हैं) <br />फोन : 0141-2222225 (सायं सात से आठ बजे के बीच)<br />मोबाइल : 098285-02666यदि बोलोगे नहीं तो कोई सुनेगा कैसे?-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'/ Dr. Purushottam Meena 'Nirankush'-सम्पादक-PRESSPALIKA, राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान, Mob : 98285-02666https://www.blogger.com/profile/01854980253449056926noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6330433093682463130.post-57920882211087878492011-02-08T22:00:11.553-08:002011-02-08T22:00:11.553-08:00अच्छा व्यंग - सार्थक रचनाअच्छा व्यंग - सार्थक रचनाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6330433093682463130.post-76965641380763966522011-02-08T18:54:11.535-08:002011-02-08T18:54:11.535-08:00घोड़े के रूप में गधे बहुत स्मार्ट थे
पूरे देश को उ...घोड़े के रूप में गधे बहुत स्मार्ट थे<br />पूरे देश को उल्लू बन माल ले उड़े<br />बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|<br /><br />बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6330433093682463130.post-35671500758420328352011-02-08T11:17:16.135-08:002011-02-08T11:17:16.135-08:00क्या बात है! स्वागत.
सदाबहार देव आनंदक्या बात है! स्वागत.<br /><br /><a href="http://ourdharohar.blogspot.com/2011/02/blog-post_07.html" rel="nofollow">सदाबहार देव आनंद </a>अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6330433093682463130.post-4134387588691633922011-02-08T08:45:30.167-08:002011-02-08T08:45:30.167-08:00.आप मुस्कराए लगता है कविता समझ में आ गई
अरे, आपन....आप मुस्कराए लगता है कविता समझ में आ गई<br /><br /><br /><i><b>अरे, आपने कैसे जाना कि मैं मुस्कुरा पड़ा हूँ ?<br />हम गधे को स्विसबैंक का भरोसा दिलाने का शुक्रिया !</b></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.com