शनिवार, 21 मई 2011

जिंदगी


जिंदगी 

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
कि
भाग्य और कर्म
वेक्टर क्वांटिटी हैं.
जिसका जोर चले,
वो उधर खींच ले जाता है
और
आदमी रिजल्टएंट पथ पर बढ़ता है.

उसकी जीत पक्की है,
जिसके भाग्य और कर्म के बीच
का
कोण शून्य हो.

कर्म कई गुना ज्यादा करना होगा,
जीत के लिए,
अगर दिशा उलटी हो तो.

कभी कभी मेरे दिल को लगता है कि ये स्केलर क्वांटिटी हैं.
जिनका आपस में कोई सरोकार नहीं.
भाग्य इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टु कर्म.
एक हाथ दे और एक हाथ ले,
किसी तरह का कोई कन्फुज़न नहीं.

पर मेरे दिल को कभी कभी ये भी लगता है,
कि जिंदगी कर्म और भाग्य से कुछ अलग ही है.
पैदा होने से मरने तक,
जो कुछ भी है,
जिंदगी है.
और इसे जिया जाना चाहिए.

जितनी भी है,
जैसी भी है.

- वाणभट्ट

12 टिप्‍पणियां:

  1. कभी-कभी मुझे लगता है, कि ऐसी कविता मैं क्यों नहीं लिख पाता हूँ।

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  2. गणित और विज्ञान शुरु से सबसे अंतिम पंक्ति मे रहे हैं मगर फिर भी यह कविता समझ आ गई..कुछ न कुछ तो जरुर बात होगी....वाह!! :)

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  3. सही कहा है आपने, सैद्धांतिक जटिलताओं से अलग जिंदगी को सिर्फ जीना ही चाहिए.

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  4. kabhi kabhi aapke dil mein jo khayal aata hai...wo khyal sarvottam hai...agar aise khyal roz roz aane lage to kya baat hai...bahut badhiya.

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  5. कभी कभी मेरे दिल को लगता है कि ये स्केलर क्वांटिटी हैं.
    जिनका आपस में कोई सरोकार नहीं.
    भाग्य इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टु कर्म.
    एक हाथ दे और एक हाथ ले,
    किसी तरह का कोई कन्फुज़न नहीं.

    बहुत सही कहा है आपने...

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  6. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति|धन्यवाद|

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  7. कर्म और भाग्य जीवन के बाद हैं और जीवन ही के साथ हैं । मुख्य तो जीवन ही है इसलिये इसका स्थान सदैव कर्म और भाग्य से उपर ही होना भी चाहिये । आभार सहित...

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  8. विज्ञान कम समझ पड़ता है मुझे ! :-) कमअक्ल हूँ थोड़ी !
    लिखते चलें .
    ज़रा की तर्जनी दुरुस्त कर लें . जरा नहीं .ज़रा ! और जिंदगी नहीं ..ज़िन्दगी .
    शुभ दिवस

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  9. कर्म कई गुना ज्यादा करना होगा,
    जीत के लिए,
    अगर दिशा उलटी हो तो....

    I am moving against gravity and against current . So my efforts are many-fold more than required to win.

    Lovely creation.

    .

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यूं ही लिख रहा हूँ...आपकी प्रतिक्रियाएं मिलें तो लिखने का मकसद मिल जाये...आपके शब्द हौसला देते हैं...विचारों से अवश्य अवगत कराएं...

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